हमारे बारे में
सम्पूर्ण मानव जीवन कर्म-चक्र के अधीन है। कर्म के कारण ही जीवन में उन्नति-अवनति एवं सुख-दुःख की प्राप्ति होती है। यदि मनुष्य कर्म के इस चक्र को समझ लेता है तो वह इसे परिवर्तित करने अथवा इसकी भयावहता को कम करने का प्रयास कर सकता है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर प्राचीन काल में अध्यात्म की खोज हुई। ध्यान योग साधना द्वारा हमें पूर्व जन्म का भी ज्ञान हो जाता है और यह भी पता चलता है कि पूर्व जन्म के किन-किन गुण-दोषों के कारण हमारी वर्तमान परिस्थितियां उत्पन्न हुई हैं। व्यक्ति के भूत, भविष्य, वर्तमान की घटनाओं का ज्ञान ध्यान योग साधना के माध्यम से सहज ही हो जाता है। अध्यात्म के क्षेत्र में सफलता के लिये आवश्यक है सही मार्गदर्शन एवं उचित पाठ्यक्रम, अर्थात् कौन-सा पाठ्यक्रम चुनें ताकि भविष्य में उसी पाठ्यक्रम से जुड़ा क्षेत्र चुनकर सफलता प्राप्त कर सकें।
उपरोक्त उद्देश्यों की पूर्ति हेतु विवस्वान मेडिटेशनम् - लिव विद् ड्रीम्स नामक संस्थान द्वारा सम्बंधित विभिन्न पाठ्यक्रमों, यथा - ध्यान साधना, कुंडलिनी जागरण, योग, प्राणायाम, टैरो कार्ड्स रीडिंग, लाल किताब ज्योतिष इत्यादि का संचालन कुशलतापूर्वक ऑनलाइन एवं ऑफलाइन किया जा रहा है।
उद्देश्य
शिक्षण एवं प्रशिक्षण की व्यवस्था करना। अध्यात्म से सम्बन्धित विशेषज्ञों को खोजना और उनको शिक्षक एवं प्रशिक्षक के रूप में मंच पर स्थापित करना। ज्ञानार्जन हेतु कार्यशाला एवं संगोष्ठी आदि कराना। शास्त्र के जानकारों को सम्मानित करना, ताकि वे जन-कल्याण हेतु प्रेरित होते रहें। शास्त्रों के अन्तर्गत विभिन्न शाखाओं से संबंधित वैयक्तिक परामर्श से जातकों एवं विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा देना। शास्त्रों से सम्बन्धित लेख ऑनलाइन एवं ऑफलाइन, वेबसाइट एवं पत्रिका के माध्यम से प्रकाशित करना, ताकि ज्ञान का प्रचार-प्रसार होता रहे। शास्त्रीय ज्ञान के प्रचार हेतु लघु परन्तु सुव्यवस्थित पुस्तकालय की व्यवस्था करना।
जय श्री रवि...जय श्री रवि...जय श्री रवि...